Tree Pension Scheme Haryana – हरियाणा सरकार ने देश में पहली बार एक अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिसे “प्राण वायु देवता पेंशन योजना” नाम दिया गया है। इस योजना के तहत 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुराने पेड़ों को सालाना ₹3000 की पेंशन दी जा रही है। सरकार का उद्देश्य इन वृद्ध वृक्षों को संरक्षण देना और पर्यावरण के महत्व को उजागर करना है।

Tree Pension Scheme: पुराने पेड़ों को मिलेगा सम्मान और संरक्षण
पेड़ हमारी जिंदगी का आधार हैं – ये हमें न केवल शुद्ध हवा देते हैं बल्कि पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हरियाणा सरकार ने इन वृक्षों के महत्व को पहचानते हुए उन्हें ‘प्राण वायु देवता’ का दर्जा दिया है और उनकी सेवा के लिए पेंशन शुरू की है।
2023 में हुई थी योजना की शुरुआत
प्राण वायु देवता पेंशन योजना की शुरुआत वर्ष 2023 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी। शुरू में कुछ ही वृक्षों को शामिल किया गया था, लेकिन अब यह योजना पूरे हरियाणा राज्य में लागू कर दी गई है।
₹2750 से बढ़ाकर ₹3000 कर दी गई पेंशन राशि
शुरुआत में वृक्षों को ₹2750 प्रति वर्ष की पेंशन दी जाती थी। अब इस राशि को बढ़ाकर ₹3000 कर दिया गया है। यह राशि सीधे पेड़ के मालिक या देखभालकर्ता को दी जाती है ताकि वृक्ष की देखभाल बेहतर तरीके से हो सके।
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विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्ष पूजन
हरियाणा के पंचकूला ज़िले सहित राज्यभर में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर 75 साल से अधिक आयु वाले वृक्षों की विशेष पूजा की जाती है। इस वर्ष 5 जून को प्रदेश में लगभग 3,819 पुराने वृक्षों की पूजा की जाएगी। इनमें से अधिकांश वृक्ष 100 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं।
पंचकूला जिले में कितने वृद्ध वृक्ष?
नीचे दी गई तालिका में पंचकूला जिले के अंतर्गत आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में स्थित वृद्ध पेड़ों की संख्या दी गई है:
क्षेत्र का नाम | 75 वर्ष से अधिक आयु के वृक्ष |
---|---|
पंचकूला | 55 |
रायपुररानी | 42 |
पिंजौर | 30 |
मोरनी | 37 |
कालका | 36 |
कुल | 203 वृक्ष |
वृक्षों की उम्र कैसे तय की जाती है?
पेड़ों की उम्र जानने के लिए विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है:
- वृक्ष की तने की मोटाई और बढ़ने की दर का विश्लेषण किया जाता है।
- स्थानीय लोगों व बुजुर्गों से जानकारी ली जाती है कि पेड़ कब लगाया गया था।
- जरूरत पड़ने पर ड्रिलिंग करके तने के छल्लों (growth rings) से भी उम्र निर्धारित की जाती है।
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सर्वे में मिले ये प्रमुख पुराने वृक्ष
सर्वेक्षण के दौरान जिन वृक्षों को पेंशन के लिए उपयुक्त माना गया है, उनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित प्रजातियाँ पाई गईं:
- पीपल
- बरगद
- पिलखन
- नीम
- आम
- सिंबल
एक पेड़ देता है पांच लोगों को जीवनदायिनी ऑक्सीजन
एक स्वस्थ और बड़ा पेड़ प्रतिदिन लगभग 250 से 300 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जो चार से पांच लोगों के लिए पर्याप्त होती है। ऐसे में इन पेड़ों को संरक्षण देना न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि मानव जीवन के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
प्राण वायु देवता पेंशन योजना में ऐसे करें आवेदन – अंतिम तारीख 30 जून 2025
इस योजना के लिए इच्छुक पेड़ मालिक 30 जून 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- संबंधित वन रेंज ऑफिसर या वन मंडल अधिकारी (DFO) के कार्यालय में संपर्क करें।
- वृक्ष की स्थिति और उम्र से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी और साक्ष्य प्रस्तुत करें।
- ज़िला स्तरीय कमेटी द्वारा पेड़ की जांच की जाएगी।
- पात्रता तय होने के बाद पेड़ को पेंशन सूची में शामिल किया जाएगा।
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हर जिले में बनेगी ज़िला स्तरीय समिति
हर जिले में एक विशेष कमेटी गठित की जाएगी जो यह तय करेगी कि कौन से वृक्ष इस योजना के योग्य हैं। यह समिति पेड़ों की उम्र, स्थिति और पर्यावरणीय योगदान को आधार बनाकर फैसला लेगी।
पूजा आयोजन में वन विभाग की भूमिका
पंचकूला में रेंज ऑफिसर सुशील शर्मा, सुनील कुंडू, मनीर और दिनेश द्वारा यह जानकारी दी गई कि विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षों की पूजा पूरे जिले में कराई जाएगी। यह पूजा केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि पेड़ों के प्रति कृतज्ञता का प्रमाण भी है।
हरियाणा बना देश का पहला राज्य
प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार की यह पहल देशभर के लिए प्रेरणा है। यह न केवल पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह समाज में वृक्षों के प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है।
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निष्कर्ष – Pran Vayu Devta Pension Yojana Haryana
प्राण वायु देवता पेंशन योजना हरियाणा सरकार की एक सराहनीय पहल है, जो न केवल पेड़ों को जीवन का दर्जा देती है बल्कि नागरिकों को भी वृक्षों के संरक्षण के लिए प्रेरित करती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए समय रहते आवेदन करना जरूरी है। पर्यावरण की रक्षा के लिए यह एक सशक्त कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली और शुद्ध हवा सुनिश्चित करता है।
अगर आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं या आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी वन विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।